डा प्रणय तिवारी : अपराध शास्त्री
किसी को भविष्य का ज्ञान ही ना रह जाये तो क्या कर सकते है, आज़ वही स्थिति अवैध रेत उत्खनन के साथ हो रही है, भू गर्भ अनुसंधान संस्थान के नियम , पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के नियम,राष्ट्रीय हरित न्यायालय के नियम सब धरे के धरे रह गये है,
शहडोल का माईनिंग विभाग अन्धा,गूगा ,बहरा हो चुका है,पर्यावरण मात्र दिखावा,
ना जी पी एस,ना जियो टैगिन्ग,ऊपर से एन जी के नियम इन सभी का उत्तरदायित्व वन विभाग को जाता है,
परंतु इस विभाग की कोई भूमिका नहीं दिखलाई दे रही है क्यू।
ब्योहारी मे कौन कर रहा है और कौन करवा रहा है मुझे ज्ञात है, परंतु इतना समझ नही आ रहा किसी को ,कि धरती को असंतुलित करने का भयानक परिणाम क्या होगा ?
76 Todays Views
Post Views: 18