नदहा रोजगार सहायक ने कलेक्टर को गुमराह करने बनाया फर्जी स्टांप…. पंचो के नाम से फर्जी स्टांप का फर्जीवाड़ा, स्टांप वेंडर भी षड्यंत्र में शामिल…. कलेक्टर ने दिए कार्यवाही के आदेश
मध्य प्रदेश जिला सीधी जी हां हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी स्थित मझौली जनपद के तहत नदहा ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा भ्रष्टाचार की जांच में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर को गुमराह करने की साजिश रचते हुए फर्जी स्टांप का सहारा लेते हुए कलेक्टर को गुमराह करने की भरपूर साजिश रची थी जहां अब भंडाफोड़ हो गया है सवाल यह है कि बिना आधार कार्ड के स्टांप वेंडर कमलेश्वर उपाध्याय उर्फ डियर स्टांप कैसे जारी कर दिए है तो वही रोजगार सहायक कलेक्टर को गुमराह करने की इतनी बड़ी साजिश अकेले रची थी या फिर इसमें और भी लोग शामिल है यह तो जांच का विषय है। फिरहाल ग्रामीणों ने फर्जी स्टांप जारी करने वाले स्टांप वेंडर कमलेश्वर प्रसाद उपाध्याय उर्फ डियर तथा रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
ये था पूरा मामला
मझौली जनपद के ग्राम पंचायत नदहा में पदस्थ रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा के द्वारा स्टांप वेंडर कमलेश्वर प्रसाद उपाध्याय उर्फ डियर मड़वास उप तहसील के साथ षड्यंत्र रच कर नदहा ग्राम पंचायत के वार्ड 14 के पंच सरस्वती कुशवाहा के नाम से 50 रुपये का स्टांप तथा वार्ड क्रमांक 1 के पंच सुभद्रा विश्वकर्मा के नाम से 10 रुपये का स्टांप बिना पंचों के आधार कार्ड दिए बिना ही रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा षड्यंत्र रच कर स्टांप वेंडर कमलेश्वर प्रसाद उपाध्याय उर्फ डियर ने मिलकर बना लिया। अब सवाल यह उठता है कि स्टांप वेंडर कमलेश्वर उपाध्याय उर्फ डियर न जाने कितने स्टांप ऐसे ही फर्जी तरीके से बिक्री किए हैं यह तो जांच का विषय है।
इसलिए रचा था षड्यंत्र
नदहा रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा तथा स्टांप वेंडर कमलेश्वर उपाध्याय उर्फ डियर ने षड्यंत्र रचते हुए ग्राम पंचायत नदहा में हुए पीएम आवास घोटाले के मामले में कलेक्टर के द्वारा कराए गए जांच में रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा दोषी पाया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत में चार पीएम आवास रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा के द्वारा षड्यंत्र रच कर बिना पीएम आवास निर्माण कार्य हुए ही पोर्टल में फर्जी तरीके से जियो टैग कर पांच लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली गई थी। जहां जांच में भी रोजगार सहायक दोषी पाया गया था। तब आरोपी रोजगार सहायक ने अपने आप को बचाने के लिए ग्राम पंचायत के पंचों तथा ग्रामीणों के नाम से फर्जी स्टांप बनाकर कलेक्टर को सौंपने की तैयारी कर ली थी कि किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है ना ही कोई शिकायत किया है।फिरहाल आरोपी रोजगार सहायक तथा स्टांप वेंडर ने मिलकर कितने लोगों को चुना लगाया है यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।
ऐसे हुआ खुलासा
इस पूरे मामले को लेकर जैसे ही रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा शिकायतकर्ता ग्राम पंचायत के पंचों के नाम से स्टांप लेकर हस्ताक्षर करवाने गया तभी पंचों ने पूछा कि हमारा आधार कार्ड आपको कहां से मिला और मेरे से बिना पूछे आपने मेरे नाम से स्टांप कैसे ले लिया इस पर रोजगार सहायक स्टांप छोड़कर वहां से रफूचक्कर हो गया फ्री हाल रोजगार सहायक जगन्नाथ विश्वकर्मा के द्वारा षड्यंत्र रच कर स्टांप वेंडर कमलेश्वर उपाध्याय के द्वारा बनाया गया स्टांप पंच सरस्वती कुशवाहा के पास सुरक्षित रखा हुआ है।
इनका कहना है
पूरे मामले की जानकारी हमको प्राप्त हुई है मैं इसमें जांच कर विधवत कार्रवाई करूंगा।
साकेत मालवीय
कलेक्टर सीधी