दिन में खिल रही तेज धूप, शाम ढ़लते ही ठिठुरन भरी गलन, गलन भरी ठंडक का घर के अंदर बना असर
शाम ढ़लते ही बाजारों में थम जाती है चहल-पहल
मध्य प्रदेश जिला सीधी नववर्ष के आगाज के साथ ही शीतलहर का सितम बना हुआ है। दो दिनों से दिन में तेज धूप खिलने से लोगों को बाहर राहत मिलती है लेकिन घर के अंदर गलन भरी ठंडक का असर कम नहीं हो रहा है। शाम ढलते ही मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल जाता है और शीतलहर का प्रकोप शुरू हो जाता है। ठिठुरन भरी ठंड पडऩे से लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। कड़ाके की ठंड का असर शाम ढ़लते ही शुरू हो जाने के बाद बाजारों में चहल-पहल थम जाती है।
चर्चा के दौरान कुछ नागरिकों ने बताया कि वर्तमान में मौसम का जो रूप सामने है इससे लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। जिन लोगों को अंदर काम करना पड़ता है उनके लिए भारी गलन की स्थिति दिन में भी निर्मित है। ये अवश्य है कि बाहर तेज धूप खिलने से जो लोग खाली हैं उनको राहत दिन में मिलती है। शाम ढ़लते ही ठंड का रौद्र रूप शुरू हो जाता है। गलन भरी ठंड का असर तेज हो जाने के कारण सभी लोग परेशान हैं। जिनके पास हीटर एवं अंगीठी की सुविधा शाम के बाद उपलब्ध है उनको राहत है और जो काम के सिलसिले में शाम को भी घर से बाहर रहते हैं उनकी परेशानियां फिलहाल थम नहीं रही हैं। ठंड लगने का खतरा गंभीर रूप से बना हुआ है। वर्तमान में मौसम का जो रूप लोगों के सामने है वो काफी परेशानी बढ़ाने वाला है। शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड का असर और भी ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की सिंचाई का कार्य शुरू होने के कारण वहां काफी नमी बनी हुई है इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शाम ढ़लने के बाद गांवों में लोग या तो आग जलाकर राहत महसूस करते हैं या फिर बिस्तर में ही जाकर दुबक जाते हैं। जिससे ठिठुरन भरी गलन से बचा जा सके। दिन में कड़ाके की धूप निकलने से अवश्य लोगों को काफी राहत मिली है। दिन में कड़ाके की ठंडक से राहत पाने के लिए लोग धूप का सहारा ले रहे हैं। जिनके पास धूप लेने का समय नहीं है उन्हें दिन में भी गरम कपड़ों का उपयोग करनें की मजबूरी बनी हुई है। ठंड का जो हाल अभी बना हुआ है उससे उम्मीदें हैं कि जनवरी महीने के अंत तक ही लोगों को राहत मिलेगी। अभी ठंड अपने पूरे शबाब में हैं। जिससे छोटे बड़े सभी परेशान हैं।
ठंडी लगने से बीमार हो रहे हैं लोग
कड़ाके की ठंड पडऩे के कारण लोग बीमार भी हो रहे हैं। वर्तमान में डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले अधिकांश मरीज ठंड लगने के कारण ही तकलीफ में हैं। डॉक्टर भी लोगों को कड़ाके की ठंड से बचनें की सलाह दे रहे हैं जो घर से बाहर रहते हैं उनके लिए ठंड लगने का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है। उधर आज सोमवार से स्कूलों के प्रारंभ होने के बाद छोटे बच्चों की मुसीबतें फिर से बढ़ जाएंगी।
प्राइमरी विद्यालयों में जारी अवकाश बढ़ने के आसार
कलेक्टर द्वारा कड़ाके की ठंड एवं शीतलहर को देखने के लिए दो दिन के लिए कक्षा 5 वीं तक के लिए अवकाश की घोषणा की गई थी। रविवार होने के कारण छोटे बच्चों को तीन दिन स्कूल जाने से अवकाश मिल गया था। सोमवार से सभी कक्षाएं पूर्ववत संचालित होंगी। परंतु सर्दी के सितम को देखते हुए इस अवकाश को आगे भी बढ़ाए जाने की संभावनाएं हैं क्योंकि कक्षाओं का संचालन कक्ष के अंदर ही होने के कारण छोटे बच्चों को ठंड लगने का खतरा सबसे ज्यादा बना रहेगा। जिसके चलते अभिभावक भी काफी चिंतित हैं। कुछ अभिभावकों का कहना था कि मकर संक्रांति तक अभी कड़ाके की ठंड से छुटकारा नहीं मिलेगा।