March 29, 2024 5:01 am

swatantraindialive7

■ *हम तो पूँछेंगे कलम की धार से* ■

■ *हम तो पूँछेंगे कलम की धार से* ■

【 1】 *क्या कांग्रेस के बजाय भाजपा में जारी है अंतर्कलह सपा का क्या होगा*?

【2】 *क्या सीधी के चुरहट में जनसमुदाय ने किया वर्तमान सांसद का अपमान क्यों बुलानी पड़ी पुलिस*?

【3】 *क्या स्मार्ट सिटी एक राजनैतिक शिगूफा है*?

आज रविवार है और हम संछिप्त सवालों के साथ पूंछ रहे जनसमुदाय से जुड़े कुछ सार्थक प्रश्न आज पूंछ रहे हैं जिले की राजनीतिक गलियारों की हलचल के संबंध में पूरे देश की राजनीतिक घटनाक्रम की अगर बात की जाय तो देश की हर राजनीतिक दल में टिकट को लेकर हलचल और गुणागणित तो होता ही है और प्रदेश में इसी वर्ष चुनाव है इसी तारतम्य में जिले की कांग्रेस में भी चुनावी विशात बिछने लगी है कुछ की तैयारी लगभग पूर्ण है तो कुछ अब तक मे तैयारी में जुटे हैं कुछ आस्वस्त भी हैं ठीक इसी तरह भाजपा की अगर बात करें तो इसमें दो खेमे उभर कर सामने आए हैं अब यह जगजाहिर भी हो चुका। यह सब तब हुआ जब मुख्यमंत्री सीधी जिले के दौरे पर पहुंचे महत्वपूर्ण यह कि सीधी में वर्तमान विधायक यह मानकर चल रहे हैं कि उनका टिकट नहीं कटेगा कुछ दिन तक ऐसा लग भी रहा था लेकिन अगर अभी की स्थिति को भापें तो इस बार भाजपा ग़ैरब्राम्हण को टिकट का मूड बना रही है। यह लगभग सच भी है की सीधी विधायक का संगठन और सत्ता में लगातार विरोध हो रहा है और उनके जितने विरोधी थे वो संगठन और सत्ता में स्थापित भी हो चुके हैं। कुछ दिन पहले जिनको रोंकने के लिए प्रयासरत रहे उनका माला लिए सहर में देखे गए इसी तरह अगर सपा की बात की जाय तो थोप को कंकड़ मारने से भंवर तो उड़ते ही हैं हम पेड़ वाले भंवर की नहीं सेमरिया वाले भँवर की बात कर रहे हैं। एक बार सपा के टिकट से वाकई विधायक बने अच्छे और इमानदार नेता भी माने जाते हैं लेकिन चार साल गायब रहेंगे पांचवे साल टिकट मांगेंगे हालात ऐसी है कि घर-घर भटक चुके अब कहीं रहें कुछ भी करें लेकिन जनाधार न के बराबर है ये बात और है कि भीड़ भाजपा कांग्रेस की सभी की थी। यहां तक कि अच्छे-अच्छे भाजपाई और कांग्रेसी मंच सजाते देखे गए लेकिन इतना स्पस्ट है कि अगर सपा के टिकट से भंवर मैदान में होते हैं तो ज्यादा नुकसान कांग्रेस का ही होगा लेकिन भाजपा भी भंवर के जाल से निकल नहीं पाएगी। फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी
【2】 *क्या सीधी के चुरहट में जनसमुदाय ने किया वर्तमान सांसद का अपमान आखिर सांसद को क्यों बुलानी पड़ी पुलिस*? –सीधी सांसद जिले की चुरहट विधानसभा में एक कार्यक्रम करने पहुंची अपने कार्यकर्ताओं को भ्रामित करते हुए सरकारी कार्यक्रम बताया यही नहीं कार्यक्रम संचालन और ब्यवस्थापन में झलवार गांव सहित कई अन्य अगल बगल के पंचायत कर्मी सचिव और अन्य अधिकारी कार्यक्रम को ब्यवस्थित करने में लगे थे तभी एक चूक हो गयी उसी कार्यक्रम में कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी आमंत्रित कर दिया गया बात आगे बढ़ी तो सब बाहर आ गया पता ये हुआ कि सीधी सांसद का ब्यक्तिगत और राजनीतिक कार्यक्रम था जिस कारण बात विखर गयी और सरकारी कर्मचारी तितर बितर हो गए सांसद के पहुँचते वक्त तक वहां कुर्सी समेटी जाने लगी थी परेशान जनता जब आवेदन देने पहुंची ।तो सांसद ने आवेदन लेने में आनाकानी करने लगीं आक्रोशित भीड़ जब चिल्लाने लगी तो हंड्रेड डायल बुलानी पड़ गयी अब सवाल यह है की जनता सांसद से इतना विमुख क्यों है और सांसद ब्यक्तिगत कार्यक्रम को सरकारी क्यों बताती हैं।
【3】 *क्या स्मार्ट सिटी एक राजनीतिक शिगूफा है*? चुनावी वर्ष है तो स्मार्ट सिटी तो बनेगा ही और हम सब हर्षित भी हैं कि स्मार्ट सिटी में रहेंगे मुख्यमंत्री जब घोषणा कर रहे थे तो हमारे भी मन मे खुशी के लड्डू फुट रहे थे लेकिन उसी बीच याद आया आज से एक वर्ष पूर्व जब पूरा जिला धूल से तंग परेशान था और जिले के रहनुमा सीसा तानकर राजधानी की ओर कूच कर जाते थे खैर वो बीती बात हो गयी बात स्मार्ट सिटी की ही कर लेते हैं। स्मार्ट सिटी की घोषणा होते ही बुलबुला जैसे फड़कने लगे आनन-फानन में इंजीनियर भी आये ठीक वैसे ही लगा जैसे सुरेश प्रभु रेल लेकर आये थे । स्मार्ट सिटी के शुरूआती कुछ करोड़ रुपये भी मिले जिसे सीधी के विधानसभा सदस्य ने ईटिंग मीटिंग कर स्थान चिन्हित कर लिए नपा को भी भरोशे में लेकर चुनावी तैयारी करने में जुट गए लेकिन भरोषा खुद का नहीं तो चुनाव वाली बात कुछ दूर है। हां यह बात सही है कि जिस तरह यात्री प्रतीक्षालय बना दिये उसी तर्ज में स्मार्ट भी कर देंगे खैर रुपये तो सरकार के हैं और निगलना भी सरकार को ही कुछ और सवालों के साथ फिर मुलाकात होगी अगले रविवार को

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