April 25, 2024 3:03 am

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रात्रिकालीन गश्त की आड़ में इंट्री वसूली में व्यस्त सीधी सिटी कोतवाली पुलिस।

रात्रिकालीन गश्त की आड़ में इंट्री वसूली में व्यस्त सीधी सिटी कोतवाली पुलिस।

ओव्हरलोडिंग के बहाने वाहनों से होती है, अवैध वसूली।

गांधीग्राम में रेत परिवहन में लगे वाहनों से होती है, मनमानी वसूली ।

राहुल सिंह गहरवार संस्थापक $ मैनेजिंग डायरेक्टर सीधी (म.प्र.)
म.प्र. के सीधी जिला के अन्तर्गत सिटी कोतवाली पुलिस रात्रिकालीन गश्त की आड़ में पूरी तरह से वाहनों से इंट्री वसूली में मुस्तैद रहती है। इसका खुलासा लगातार मिल रही शिकायतों के चलते देर रात किए गए पड़ताल में हुआ। सोमवार की तडक़े करीब 4 :30 बजे सिटी कोतवाली में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक एवं चार आरक्षक शहर से करीब 15 किमी दूर कुसमी मार्ग में गांधीग्राम में संचालित ढावा मे टीआई के वाहन के साथ रेत परिवहन में लगे हाईवा की जांच में व्यस्त थे। यहां जांच के नाम पर रेत की टीपी एवं वाहन के कागजात देखने के बाद भी पुलिसकर्मी पूरी तरह से असंतुष्ट थे। सभी वाहनो को रोककर ओव्हरलोडिंग के आरोप में रूतबा झाड़ा जा रहा था। मजबूर वाहन चालक मालिकों से सीधे पुलिसकर्मियों की बात मोबाइल में कराकर सौदेबाजी में लगे हुए थे। स्थानीय वाहन मालिक तो स्वतरू मौके पर पहुंचकर पुलिस की खुशामद कर अपने वाहनों को रवाना कराने में लगे हुए थे। पूछतांछ के दौरान मालुम पड़ा, कि सिटी कोतवाली के टीआई के वाहन में हमेशा पुलिसकर्मी देर रात यहां पहुंचते हैं। उन्हें अच्छे से मालुम है, कि रेत का पूरा कारोबार रात 9 बजे के बाद से ही शुरू होता हैं। रेत परिवहन में लगे हाईवा को गांधीग्राम में ही रोककर इंट्री वसूलने का काम किया जाता है। पुलिस का एक रात में इंट्री वसूली का लाखो का कारोबार हो जाता है। रेत परिवहन में लगे सभी वाहन टिकरी के समीप भुमका रेत खदान से टीपी लेकर रेत का परिवहन करते हैं। उनका यह रेत एक नंबर का होने के बाद भी पुलिस इंट्री वसूली के लिए ओव्हरलोडिंग के बहाने मनमानी वसूली करने में मशगूल है। सूत्रो का कहना है कि नियमित रूप से रेत परिवहन में लगे हाईवा से महीना बांधकर इंट्री की वसूली की जाती है। जबकि कुछ वाहनों से ट्रिप के अनुसार वसूली होती है। पुलिस की इंट्री वसूली के चलते गांधीग्राम में घंटो फसे रहे हाईवा में क्रमांक एमपी 17 एचएच 4018 , एमपी 53 एचए 1727 , एमपी 17 एचएच 4061 शामिल रहे।

एसपी के आदेश की उड़़ रही धज्जियां .
पुलिस अधीक्षक मनोज श्रीवास्तव का स्पष्ट आदेश है, कि चल रहे अभियान के दौरान दो पहिया वाहनों एवं सीट बेल्ट हेलमेट आदि की जांच की जाए। किंतु पुलिसकर्मी यह काम न करते हुए रेत परिवहन में लगे वाहनो की जांच पड़ताल में संलिप्त हैं। ऊपरी कमाई की लालच में नगर कोतवाल के इशारे पर उनके खास हमराह पुलिसकर्मी रात में रेत परिवहन मे लगे वाहनों से इंट्री वसूली में लगे हुए हैं। यह पुलिसकर्मी रात में इंट्री वसूली करते हैं, तथा दिन में ज्यादातर समय सोते हैं। नगर कोतवाल स्वतरू ही देर रात में आराम फरमाते हैं और उनके हमराह बताए गए स्थानों में दविश के बहाने वाहन लेकर इंट्री वसूली में मुस्तैद हो जाते हैं।

चोरी की बढ़ रही वारदातें .
सिटी कोतवाली क्षेत्र में लगातार चोरी की वारदातें बढ़ रही हैं। यहां तक कि जिला मुख्यालय में ही लगातार चोरी होने से लोगों में जानमाल की सुरक्षा को लेकर काफी दहशत बनी हुई है। पुलिस को रात्रिकालीन गश्त में पूरी मुस्तैदी से ध्यान देने के बजाय टीआई के इशारे पर वाहनों से खुलेआम इंट्री वसूली की जा रही है। जिले में विगत दो महीने के अंदर ही एक दर्जन से ज्यादा चोरी की वारदातें घटित हो चुकी हैं। जिनमें से कई मामलों की विवेचना का कार्य तो बिना एफआईआर दर्ज किए ही आवेदन लेकर किया जा रहा है। चोरी के मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस महज खानापूर्ति में ही जुटी हुई है।

दबिश के बहाने इंट्री वसूली .
पुलिस कंट्रोल रूम को इंट्री वसूली में लगे पुलिस कर्मियों द्वारा अपना लोकेशन दविश कार्रवाई के रूप में बताई जाती है। किंतु इनका मुख्य कार्य गांधीग्राम ढावा में पहुंचकर रात से तडक़े तक रेत परिवहन में लगे वाहनों से इंट्री वसूली करना रहता है। वहीं रात्रिकालीन गश्त प्रभारी वाहन के अभाव में बाइक से ही गश्त व्यवस्था में लगे रहते हैं। रात्रिकालीन गश्त व्यवस्था को लेकर जिस प्रकार से मनमानी इन दिनो चल रही है, उसके चलते रात में चोरी समेत अन्य आपराधिक वारदातें का बढऩा स्वाभाविक है क्योंकि अराजक तत्वों को भी जब रात में बाजार क्षेत्र के अंदर एवं सडक़ों पर पुलिस गश्त करती हुई नजर नहीं आती तो उन्हें वारदात करने में पूरी सुविधा रहती है।

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