March 28, 2024 6:20 pm

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शहर के अंदर बने सड़कों का गारंटी अवधि के अंदर जर्जरता पराकाष्ठा पर।

शहर के अंदर बने सड़कों का गारंटी अवधि के अंदर जर्जरता पराकाष्ठा पर।

बिहार बेतिया शहर के अंदर विगत दो-तीन वर्षों के अंदर बनने वाले सड़कों के पक्कीकरण की गारंटी अवधि के पहले ही इसके जर्जरता पराकाष्ठा पर चली गई है। शहर के अंदर बनने वाली सड़कें जो बेतिया नगर परिषद एवं अन्य माध्यमों के से बना है वह सभी सड़कें गारंटी अवधि के अंदर ही खराब हो गई हैं और उसमें लगने वाले सभी मटेरियल का सफाया हो गया है। शहर के अंदर सड़कों का जायजा लिया जाए कोई पता चल जाता है कि विगत दो-तीन वर्षों के अंदर बनने वाली सभी सड़कों की स्थिति अति दयनीय हो गई है जबकि सड़कें बनाने के पूर्व एस्टीमेट के अनुसार इस में लगने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता पूरी नहीं होती है तो फिर किस परिस्थिति में बनाई गई सड़कों की मजबूती कैसे बरकरार रख सकती है । ठेकेदारों की मनमानी और कमीशनखोरी तथा विभागीय पदाधिकारियों की कमीशन की स्तिथि को देखते हुए ठेकेदार भी मनमानी करने पर मजबूर हो जाते हैं। ठेकेदारों द्वारा बना ली गई सभी सड़कों का अगर जायजा लिया जाए तो विगत दो-तीन वर्षों के अंदर बनने वाली सभी सड़कें बिल्कुल खस्ताहाल हो गई हैं और इस पर आवागमन करना बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है मगर विभागीय पदाधिकारी इसकी अनदेखी करते हुए कमीशनखोरी के चक्कर में ठेकेदारों की मनमानी तौर पर कराए गए कार्य पर बिना आपत्ति किए उनका भुगतान कर दिया जाता है जिससे ठेकेदारों की मनमानी एवं मनोबल काफी जागृत पर रहता है ऐसी परिस्थिति में ठेकेदारों की आमदनी का जरिया सिर्फ सड़कों कि निर्माण कार्य कराने में ही लगा रहता है। जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत की जिला इकाई पश्चिम चंपारण की जिला अध्यक्ष सुरैया ने मांग की है कि विगत दो-तीन वर्षों के अंदर बनने वाली सभी सड़कों का गारंटी अवधि की जांच कर इनके भुगतान पर रोक लगाई जाए।

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