अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास चुरहट की छात्राएँ खुले में सौंच करने के लिए है मजबूर।
अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास चुरहट ने स्वच्छ भारत अभियान की खोली पोल।
हर दिन छात्राओं के साथ हो रही घटनाओं से सीख नहीं ले रहे विभाग के अधिकारी कर्मचारी।
म.प्र. सीधी जिले के अन्तर्गत चुरहट अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास की छात्राएँ खुले में सौंच जाने के लिए है मजबूर आखिर क्यों ? आपको बताते चले कि चुरहट के अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में छात्राओं को कोई सुविधाएँ नहीं मिल पा रही है। शासन प्रशासन हरिजन आदिवासी वर्ग के लिए विभिन्न योजनाओं की बात करता है, किन्तु वास्तविकता यह है, कि चुरहट के उक्त छा़त्रावास में रहने वाली छात्राओं को सौंच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है। ऐसे में छात्राओं के साथ कभी भी घटना घट सकती है। प्रशासन स्वच्छ भारत अभियान की बात करता है। गाॅव, टोला, मजरे में सौंचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने के साथ ही लोगों के ऊपर दबाब भी बनाया जाता है ऐसे में सवाल यह उठता है कि चुरहट की छात्रावास व्यवस्था से प्रशासन क्या अनभिज्ञ है ? कारण यह कि छात्रावास की अधिक्षिका द्वारा छात्रावास की व्यवस्था सुधार को लेकर कई बार जिला अधिकारी को पत्र लिखा गया है। किन्तु आज तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया और न ही व्यवस्था के नाम पर बजट के रुप में फूटी कौंड़ी दी गई है। असुविधाओं की मार झेल रहीं छात्राओं ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा है कि आखिर चुरहट का छात्रावास कब तक उपेक्षित रहेगा और छात्राओं के कब तक सौंच के लिए खुले में जाना पड़ेगा।