April 20, 2024 7:39 pm

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*यदि बीडीओ ने की होती कार्रवाई तो तनाव में नहीं आते अभय*

*यदि बीडीओ ने की होती कार्रवाई तो तनाव में नहीं आते अभय*

बिहार मामला हरसिद्धि के मुरारपुर के राजकीय मध्य विद्यालय, पवरिया टोला के एचएम अभय सिंह की आत्महत्या का
ग्रामीणों ने पिछले वर्ष की थी विद्यालय में एमडीएम राशि के गबन की शिकायत
पूर्व एचएम लालबाबू कुमार को किया था आरोपि
बीईओ ने 5 दिसम्बर वर्ष 17 को की थी विद्यालय की जांच
जांच में तीन लाख रुपए रूपए की एमडीएम राशि का गबन उजागर
*हरसिद्धि। मोतिहारी।* मुरारपुर पंचायत के पवरिया टोला स्थित जिस राजकीय मध्य विद्यालय में अभय कुमार सिंह कार्यरत थे। उसका पूर्व में प्रधानाध्यापक लालबाबू कुमार थे। तबादले के बाद वे मठलोहियार के राजकीय मध्य विद्यालय में योगदान कर लिए। बीआरसी के आदेश पर अभय सिंह विद्यालय के प्रधानाध्यापक बनाए गए। लेकिन उन्हें प्रधानाध्यापक श्री कुमार ने वित्तीय प्रभार नहीं सौंपा था।
इसके चलते विद्यालय का संचालन चरमरा गया था। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने एसडीओ, अरेराज से की थी। तत्कालीन एसडीओ विजय कुमार पांडे ने मामल को संज्ञान में लिया। उन्होंने दूरभाष से बीडीओ चन्दन कुमार चक्रवर्ती को जांच का आदेश दिया। उनके आदेश पर बीईओ अजेयेश्वर पांडे ने पिछले वर्ष 17 में 5 दिसम्बर को विद्यालय की जांच की। उन्होंने 6 दिसम्बर को जांच की रिपोर्ट बीडीओ को भेजी।
जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि ‘विद्यालय के पूर्व एचएम लालबाबू कुमार दूसरी जगह तबादला के बावजूद भी वर्तमान एचएम अभय सिंह को वित्तीय प्रभार नहीं सौंपे हैं। वे लापरवाह, कर्तव्यहीन व उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना करने वाले शिक्षक हैं। उन्होंने जांच में कोई अभिलेख नहीं दिखाया। यह दर्शाता है कि उन्होंने भारी अनियमितता की है। इसलिए उनके विरोध यथोचित कार्रवाई की जा सकती है। वे तीन लाख रुपए की एमडीएम राशि का गबन भी किए हैं।’
लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस बावत जब बीडीओ श्री कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि बीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार क्या कार्रवाई हुई, याद नहीं। यह मामला शिक्षा विभाग का है। इसलिए कार्रवाई का अधिकार उन्हें नहीं है।
*सुसाइड नोट्स में किया है जिक्र*
ड्यूटी के प्रति कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक माने जाने वाले राजकीय मध्य विद्यालय, पवरिया टोला के एचएम अभय विद्यालय का पूरा प्रभार नहीं मिलने से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। उन्हें विद्यालय का कोई भी कैशबुक, पासबुक व वित्तीय अभिलेख नहीं मिला था। इसके चलते विद्यालय का सुचारू रूप से संचालन में उन्हें काफी बाधा आ रही थी। इसका जिक्र उन्होंने सुसाइड नोट्स में किया है।
*उठ रहे सवाल*
बीईओ की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर भी बीडीओ ने दोषी एचएम पर क्यों नहीं कराई एफआईआर या बीईओ को क्यों नहीं दिए कार्रवाई का आदेश?
एचएम अभय सिंह की आत्महत्या मामले में बीडीओ को भी दोषी क्यों नहीं माना जाए?

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