April 19, 2024 7:50 pm

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ग्राम पंचायत बनिया टोला कपिल धारा कूप में फर्जीवाड़ा की हुई शिकायत

ग्राम पंचायत बनिया टोला कपिल धारा कूप में फर्जीवाड़ा की हुई शिकायत

सरपंच सचिव ने फर्जी भू अभिलेख तैयार कर किया था घोटाला
मझौली :– जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत बनिया टोला में वर्ष 2013 में स्वरचित भूमि का खसरा तैयार कर उसी को आधार बनाकर कपिलधारा कूप का प्रकरण तैयार कर रुपए 238377 व्यय किया गया है।जिसकी जानकारी होने पर संतोष सिंह अधिवक्ता निवासी जमुआ नंबर 1 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझौली के जनसुनवाई में 31 जुलाई 2018 को लिखित शिकायत पत्र प्रमाण के साथ पेश किया गया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2013 में शेषमणि गुप्ता पिता वासुदेव गुप्ता ग्राम पिपराढ़ के नाम कपिलधारा कूप स्वीकृत किया गया है।जिसका आराजी नंबर 220 रकबा 0.010 था। जिसमे कपिलधारा योजना नहीं स्वीकृति की जा सकती है।इसलिए कूटरचित तैयार किए गए खसरा में आराजी जिसका आराजी नम्बर 136 रकवा 1.14 हेक्टेयर दर्ज किया गया है।जिसके भूमि स्वामी शेषमणि गुप्ता पिता वासुदेव गुप्ता को बनाया गया है।जबकि वर्ष 2011 में जिस समय का खसरा तैयार किया गया है उस समय से लेकर आज तक उक्त आराजी नंबर 136 के भूमि स्वामी गंगा सिंह पिता धर्मराज सिंह हैं एवं उस आराजी का रकबा 0.23 हेक्टेयर दर्ज है।ऐसे में सवाल उठता है कि कोई भी पटवारी खसरा देख कर ही उसकी नकल देगा और इतना बड़ा गलत काम कोई सरकारी कर्मचारी नहीं कर सकता है।इसमें तत्कालीन सचिव और सरपंच पति का फर्जीवाड़ा है। आगे आरोप है कि वर्ष 2013 में वर्तमान सरपंच हरीश शर्मा की पत्नी सरपंच रही हैं और उस समय भी सरपंच का पूरा कार्यभार का संचालन हरीश शर्मा के द्वारा ही किया जाता रहा है। इस कारण फर्जी खसरा तैयार करना हरीश शर्मा जो तत्कालीन सरपंच पति थे और तत्कालीन सचिव के द्वारा ही इस तरह कार्य किया गया है।ऐसे में कपिल धारा योजना में व्यय की गई राशि की वसूली तत्कालीन सचिव और सरपंच पति से किया जाना चाहिए ।साथ में किए गए अपराध के लिए अपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए जाने की मांग की गई है। आगे बताया गया है कि वह कपिलधारा कूप वर्तमान समय में वर्तमान सरपंच हरीश शर्मा और उसके भाई विजय कांत शर्मा के नाम पर दर्ज है व उन्हीं के उपयोग में है।उसमें भी कूट रचना की गई है। वह भी जांच के योग्य है।
इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि वर्ष 2013 में आदिवासी बस्ती के लिए सौर उर्जा का पूरा सेट आया था जो आदिवासी बस्ती बैगान टोला में विद्युतीकरण के लिए स्थापित किया जाना था।लेकिन तत्कालीन सरपंच पति आदिवासी बस्ती में सौर ऊर्जा सेट को स्थापित ना कर अपने घर में पूरा सेट लाकर विद्युतीकरण कराया गया है जो आज भी देखा जा सकता है। इसलिए सौर ऊर्जा सेट की पूरी लागत भी सरपंच पति से वसूली किए जाने योग्य है। इतना ही नहीं आरोप है कि वर्ष 2011से 2014 तक के समय पूरे 5 वर्ष के कार्यकाल की जांच की जाए तो करोड़ों रुपए का खयानत उजागर हो सकता है।जिसकी वानगी कपिल धारा कूपे का फर्जीवाड़ा जीता जागता प्रमाण देखा जा सकता है।

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