घुटने तक कीचड़ को पार कर बस पकड़े को मजबूर मुसाफिर
जिला प्रशासन की अदूरदर्शिता की शिकार सीधी शहर की जनता
मुख्यालय मे प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध,अव सड़क मे खड़े होने पर लगी रोंक
मध्य प्रदेश के सीधी जिले को बीते आठ सालों से एक अदद बस स्टैण्ड की दरकार बनी हुई है जिसे न तो जनप्रतिनिधि पूरी कर पा रहे है न प्रशासन ब्यवस्था बनाने मे कामयाव हो पा रहा है। नगर पालिका दो बस स्टण्ड का ठहराव शुल्क जरूर वसूल रहा है पर इंतजाम करने के मामले मे वह नाकाम सावित हो रहा है जिसके कारण जनता को शहर के बस अड्डों से बस को पकड़ने के लिये घुटने भर कीचड़ को पार करना पड़ता है इतना ही नही बस स्टैण्ड मे यात्रियों के बैठने तक के लिये कोई इंतजाम नही किया है ऊपर से सिंगरौली जाने वाली बसों को पुराने रूट से गुजरने पर रोंक लगाते हुए वाई पास से जाने का न केवल फरमान जारी कर दिया है बल्की अपने आदेश पर अमल करने के लिये पुलिस का पहरा लगा दिया है जिला प्रशासन के तुगलकी फरमान यही नही थम जाती बल्की बस स्टैण्ड से निकलकर गोपालदास तिराहे मे खड़ी होने वाली बसों को भी रोंक दिया है जिसके कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है प्रशासन के इस निर्णय का फायदा तिपहिया वाहनों के चालक उठाने लगे है नये बस स्टैण्ड से पुराने बस अड्डे जिसकी दूरी महज दो किलोमीटर है का किराया 15 रूपये वसूलने लगे है।