एस सी, एस टी एक्ट के विरुद्ध मझौली बंद
मध्य प्रदेश जिला सीधी अंतर्गत मझौली तहसील मे निकली आक्रोश रैली ,लगे भाजपा मुर्दाबाद के नारे
मझौली — पूरे प्रदेश के साथ साथ मझौली में भी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति संरक्षण कानून के विरुद्ध सवर्ण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा सामूहिक रुप से आक्रोश रैली निकालकर अपना आक्रोश प्रकट करते रहे।जहां तहसील कार्यालय से लेकर पूरा मझौली बाजार बन्द रहा है। वही आक्रोश रैली में नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, शिवराज सिंह मुर्दाबाद, भारतीय जनता पार्टी मुर्दाबाद के नारा लगाते हुए अध्यादेश के जरिए लागू किए गए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति संरक्षण कानून को समाप्त करने का भी नारा लगाते रहे।आक्रोश रैली शहर के विभिन्न मोहल्लों से नारेबाजी के साथ गुजरती हुई तहसील कार्यालय मझौली में आकर आक्रोश सभा के रूप में तब्दील हो गई।जहां वक्ताओं द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया कि पूरे देश को वर्ग संघर्ष की आग में झोंक दिया गया है ।
सबसे मजे की बात यह यह रही कि कांग्रेसियों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के भी जिम्मेदार कार्यकर्ता और पदाधिकारी आक्रोश रैली में शामिल होकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।एवं उनका कहना था कि पहले हम सामान्य वर्ग के व्यक्ति हैं इसके बाद पार्टी।अगर पार्टी हमारे हितों और अधिकारों पर इस तरह कानून लायेगी तो हम भी पार्टी व सरकार को अपनी औकात बता देंगे।
विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। सभा के बाद महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझौली को ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन पत्र में कहा गया है। महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार एवं राज्यपाल महोदय मध्य प्रदेश शासन भोपाल से मझौली एवं कुसमी के सवर्ण संगठन अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, करणी सेना, सपाक्स एवं पिछड़ा वर्ग द्वारा दिनांक 6 सितंबर 2018 सुबह 9:00 बजे से शांतिपूर्वक भारत बंद का आयोजन किया गया है।जो पूर्णतःसफल रहा है। ज्ञापन पत्र में निम्न अपेक्षा की जाती है।भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कानूनी प्रावधानों मसलन एकमात्र शिकायत पर किसी भी सवर्ण को जेल भेज देना तत्पश्चात जांच की कार्यवाही की जावेगी। एवं उक्त कानून के तहत अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं होगा। तथा किसी भी न्यायालय का आदेश जमानत पर बंधनकारी नहीं होगा। ऐसी धारा पूर्णतः विलोपित किया जाए। देश व प्रदेश में आरक्षण नीति जातिगत आधार पर ना होकर आर्थिक स्थिति के आधार पर तैयार की जाए। जिससे समाज व देश में एकरूपता बनी रहे एवं सबका साथ सबका विकास सिद्धांत पूरे देश में संचालित हो सके।