April 25, 2024 6:13 pm

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प्रॉपर्टी डीलिंग विवाद और राजनीतिक विद्वेष में हत्या!

प्रॉपर्टी डीलिंग विवाद और राजनीतिक विद्वेष में हत्या!

*बिहार मुजफ्फरपुर
पूर्व मेयर समीर कुमार की चालक सहित हत्या के पीछे का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, दबी जुबान से लोगों के बीच हत्या के पीछे प्रोपर्टी डीलिंग या राजनीतिक विद्वेष होने की चर्चा सरेआम थी। राजनीति के अलावा समीर कुमार प्रोपर्टी डीलिंग के धंधे से जुड़े थे। हाल के दिनों में जमीन की कई बड़ी डीलिंग करने में इनका ग्रुप कामयाब हुआ था। इसमें पटियासा स्थित सहारा की जमीन का सौदा सबसे चर्चित सौदा सामने आ रहा है। बोचहां थाना क्षेत्र स्थित एनएच-57 के किनारे स्थित करोड़ों की इस जमीन पर कई भू-माफिया की नजर टिकी थी। लेकिन, इसे हासिल करने में उनके ग्रुप को सफलता नहीं मिली थी। इसको लेकर कई भू-माफिया ग्रुपों के बीच अंदर-अंदर ही वर्चस्व की लड़ाई चलने की बात भी पुलिस के सामने आ रही है। जमीन के कई सौदे को लेकर कुछ ग्रुप उनसे बेहद नाराज था। वहीं चंदवारा की जमीन के सौदे को लेकर भी विवाद पुलिस के समक्ष आ रहा है। संभवत: उन्हें रास्ते से हटाने के लिए ही हत्या की साजिश रची गई। इस हत्याकांड के तार नेपाल से भी जुड़े होने की बात बताई जा रही है। सामान्यता सतर्क रहने वाले समीर कुमार अपने ऊपर इस तरह के खतरे को भांप नहीं सके थे। लोकसभा चुनाव में उतरने व कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की संभावना को लेकर भी उनके राजनीतिक विरोधियों में हलचल मचा दी थी। पुलिस इन सारी बिंदुओं पर जांच कर रही है। जांच के बाद ही पूरी तरह पर्दा हटेगा।

* घटना में शार्प शूटरों के शामिल होने की आशंका :*

घटनास्थल व परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि घटना को शार्प शूटरों ने अंजाम दिया। जिस सफाई से घटना को अंजाम दिया गया उससे भी इसकी पुष्टि हो रही है। उनसे दुश्मनी रखने वाले सुपारी देकर घटना को अंजाम देने के लिए इन्हें बुलाया था। सीसीटीवी फुटेज से मिले साक्ष्यों से ही पता चलेगा कि आखिर ये कौन थे।

* बाइक सवार अपराधियों ने एके 47 की गोलियों से भूना था*

एके 47 से लैस बाइक सवार अपराधियों ने पूर्व मेयर व उनके चालक को गोलियों से भून डाला। गोली मारने के बाद बाइक सवार अपराधी आराम से भाग निकले। मोहल्ले के किसी भी व्यक्ति की नजर उस पर नहीं पड़ी। लेकिन, मोहल्ले में चर्चा है कि दो लोगों ने वारदात को अपनी आंखों से देखा है। हालांकि पुलिस के समक्ष वे दोनों नहीं आए है। जांच को पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे को खंगाला तो दो अपराधियों का तस्वीर कैद मिला। हालांकि उसका चेहरा स्पष्ट नहीं है। अपराधी हेलमेट पहना था। आशंका जताई जा रही कि इन दोनों अपराधियों के अलावा और भी अपराधी बाइक से सवार होकर चंद कदमों की दूरी पर रेकी कर रहे थे।

*सीसीटीवी कैमरे से बचने को बंद कर दी थी पोल की लाइट*

समीर कुमार की जहां एके-47 से हत्या की गई, उस एरिया में अलग-अलग जगहों पर तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बनारस बैंक चौक से लेकर एक सरकारी स्कूल के बीच तीनों कैमरे हैं। उस रास्ते में दो पोल पर वैपर लाइटें जल रही थीं। कैमरे में फोटो नहीं आए इसके लिए अपराधियों ने दोनों पोल की वैपर लाइटें पहले ही बंद कर दी थीं। एक निजी विद्यालय की दीवार पर बाहर से सीसीटीवी कैमरा लगा है। पुलिस की मानें तो उसमें सभी अपराधियों की तस्वीरें कैद हो गई हैं।

*तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचीं एसएसपी*

गोलीबारी की घटना रविवार की शाम करीब साढ़े छह बजे की बताई जा रही है। घटना के बाद मोहल्ले के लोगों की भीड़ जुटी। करीब आधा घंटे बाद नगर थानेदार मौके पर पहुंचे। भीड़ को हटाते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस दौरान कुछ समय के लिए स्थानीय लोग उग्र हो गए और नगर थानेदार के विरुद्ध हंगामा करने लगे। इसके बाद नगर डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर जांच की। घटना के करीब तीन घंटे बाद एसएसपी हरप्रीत कौर मौके पर पहुंची। आश्चर्य की बात तो यह है कि शहर में एके 47 से हत्या की घटना को भी पुलिस के वरीय अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। रात साढ़े दस बजे जोनल आइजी सुनील कुमार ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। सभी अधिकारियों ने सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। दोनों अधिकारियों ने निजी विद्यालय में लगे सीटीवीटी के फुटेज काफी देर तक देखे। अपराधियों की पहचान के लिए स्कूल के प्राचार्य से देर तक पूछताछ भी की गई। मोहल्ले के लोगों से भी टोह ली जाती रही। कुछ लोगों ने क्रिकेट देखने का बहाना बनाया, तो कुछ ने पुलिस के सामने आकर भी कुछ नहीं बता सके।

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राशिफल

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