April 24, 2024 7:59 pm

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चुनावी राज्यों में पचास फीसदी चेहरे बदलेगी भाजपा

चुनावी राज्यों में पचास फीसदी चेहरे बदलेगी भाजपा

तीन राज्यों में अगले महीने होने वाले चुनावों को देखते हुए केंद्र और प्रदेश के कुछ नेताओं एक छह सदस्यीय कमेटी बना दी है. दरअसल ये कमेटी उन सीटों पर काम करेगी जहां के विधायकों से लोग नाराज हैं.

भारत नई दिल्ली इस साल दिसंबर में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में भाजपा पचास फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काटेगी. इस बाबत पार्टी के राज्य इकाई को निर्देश जारी किया गया है. केंद्रीय नेतृत्व ने यह फैसला इन राज्यों के मौजूदा विधायकों को लेकर जुटाए गए फीडबैक को आधार बना कर किया है.
भाजपा के उच्य पदस्थ सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में 80 से अधिक मौजूदा विधायकों, मध्य प्रदेश में भी लगभग 80 और छत्तसीगढ़ में 25 मौजूदा विधायकों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर काफी नाराजगी है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और रमण सिंह की लोकप्रियता बरकरार है जबकि राजस्थान में मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा है साथ ही संगठन में भी उनको लेकर ज्यादातर लोग नाखुश हैं.
जिन विधायकों के खिलाफ लोगों में नाराजगी है वहां के लिए पार्टी ने प्रदेश और केंद्र के कुछ प्रमुख नेताओं की छह सदस्यीय कमेटी बना दी है. कमेटी संबंधित राज्यों में जाकर यह पता लगा रही है कि जिन विधायकों के खिलाफ नाराजगी है उनकी जगह पार्टी के किस कार्यकर्ता को उतारने से डैमेज कंट्रोल में मदद मिल सकती है. भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि हर चुनाव में विधायकों के टिकट कटते हैं. पार्टी का मकसद इन तीनों राज्यों में जीत हासिल करना है. ऐसे में पार्टी उन प्रत्याशियों (मौजूदा विधायकों) की जगह नए चेहरे उतारने का विकल्प चुनेगी जिनके खिलाफ लोगों का गुस्सा नहीं है.
इतने बड़े पैमाने पर टिकट क्यों काटे जा रहे हैं. इस सवाल के उत्तर में भाजपा के एक महासचिव कहते हैं कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हम चौथी बार सरकार बनाने के लिए जनता से समर्थन मांग रहे हैं. इन राज्यों में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर लोगों का गुस्सा ज्यादा नहीं है. लेकिन कई विधायकों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बहुत है क्योंकि इन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए परिश्रम नहीं किया.
ऐसे में राज्य सरकार के अच्छे कार्यों की जगह लोग विधायकों की उपेक्षा का जिक्र कर रहे हैं. लोगों को सरकार से शिकायत नहीं है लेकिन विधायकों से बहुत अधिक शिकायत है. रही बात राजस्थान की तो यहां पिछले पांच सालों में स्थिति अधिक बिगड़ी है. लोगों को सरकार और विधायक दोनों से नाराजगी है. लोकसभा और विधानसभा उप-चुनावों में भाजपा को इसी वजह से हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में ज्यादातर नए चेहरे उतारना भाजपा के हित में है.

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