नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में चुरहट में हुआ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
-32,00 लोगों ने कराया इलाज-
2018 का आम चुनाव इसी वर्ष नवंबर माह में संपादित किए जाएंगे जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं एक ओर जहां सत्ता पक्ष से कर्मचारी आम जनमानस पिछड़ा आदिवासी तंग परेशान है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को अपने ही विधानसभा में एड़ी चोटी लगाना पड़ रहा है इसी तारतम में आज स्वास्थ्य शिविर का आयोजन चुरहट के सर्रा में आयोजित किया गया जिसमें लगभग 3200 लोगों ने इलाज कराए अगर यह कहे कि पूरा आयोजन राजनीतिक रंग में रंगा हुआ था तो अतिशयोक्ति नहीं होगा और इस दौरान मेडिकल बोर्ड के काउंटर में अव्यवस्थाएं भी दिखी जिसमे विकलांगों का सर्टिफिकेट 40% से 69% से ज्यादा नहीं बना जिसका किसी भी सरकारी संस्थान में कोई मूल्य नहीं होता आपको बता दें कि बिना 80% विकलांग के किसी भी गरीब आदिवासी को किसी सरकारी संस्थान में कोई लाभ प्राप्त नहीं होता ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में गरीबों का 40% से 60 % मेडिकल प्रमाण पत्र बनाना किसी मजाक से कम बिल्कुल नहीं है इस दौरान यह भी देखने को मिला के गरीबों का इलाज पूरी गंभीरता से नहीं बल्कि सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रह गए बात जो भी हो लेकिन एक बात स्पष्ट है कि जब गरीब बेसहारा मजदूर वर्तमान सरकार से परेशान है ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का स्वास्थ्य परीक्षण शिविर कुछ हद तक कारगर भी है!