नेताओं ने हाथ खींचे तो दशहरे पर रावण का क़द घट गया
राहुल सिंह गहरवार प्रधान संपादक स्वतंत्र इंडिया लाइव 7
दशहरा आयोजन में समितियों के स्पांसर राजनेता होते हैं. लेकिन अब आचार संहिता लगने के कारण सबने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
मध्यप्रदेश सीधी जिला चुनावी मौसम में रावण पर आचार संहिता की मार पड़ गयी है. ज़्यादातर दशहरा उत्सव समिति के कर्ताधर्ता नेता हैं. आचार संहिता लागू होने के कारण इन नेताओं ने आयोजन से अपने हाथ खींच लिए हैं.
दशहरा पर रावण दहन की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है. भोपाल में कई दशहरा उत्सव समितियां हैं. वो रावण बनाने के लिए दूसरे राज्य से कारीगर बुलाती हैं. पिछले साल जीएसटी के कारण रावण महंगा हो गया था. पुतले बनाने में 10% ज़्यादा खर्च हुआ. इस बार चुनाव के कारण मुश्किल हो रही है. असल में दशहरा आयोजन में समितियों के स्पांसर राजनेता होते हैं. लेकिन अब आचार संहिता लगने के कारण सबने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
शहर में एक दशक पहले तक 15 जगहों पर रावण दहन होता था. लेकिन अब 23 जगह रावण जलाया जाता है. जब खर्चा पानी नहीं मिला तो आयोजन समितियों ने रावण का क़द ही घटा दिया. वैसे हर साल आयोजन समितियों के बीच सबसे ऊंचा रावण बनाने