March 29, 2024 2:53 am

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*पटाखों पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, नहीं होगा पूर्ण प्रतिबंध*

*पटाखों पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, नहीं होगा पूर्ण प्रतिबंध*

*पटाखे बनाने, बेचने और जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया।*

राहुल सिंह गहरवार प्रधान संपादक स्वतंत्र इंडिया लाइव सेवन

नई दिल्ली: पूरे देश में पटाखे बनाने, बेचने और जलाने पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज (मंगलवार) फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त के साथ पटाखे बेचने और जलाने की अनुमति दी। प्रदूषण की वजह से पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाते हुए कहा, केवल लाइसेंस धारक ही पटाखे बेच सकते हैं। पटाखों में हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल ना हो। कम प्रदूषण वाले पटाखे फोड़े जाएं। दिवाली पर मात्र दो घंटे पटाखे जाने की मंजूरी दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिवाली पर आठ बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जला सकते हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर पर सिर्फ 20 मिनट ही पटाखे फोड़ सकते हैं। 11. 55 रात से 12.00 बजे रात तक ही पटाखे जला सकते हैं।
कोर्ट ने ऑनलाइन पटाखे की बिक्री पर भी रोक लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि कम प्रदूषण वाले पटाखे ही चलाएं। अब दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर रोक नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को वायु प्रदूषण के चलते बिगड़ते हालात को नियंत्रित करने के मद्देनजर पूरे देश में पटाखों पर बैन लगाने वाली अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील विजय पंजावाणी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत सख्त नहीं है। हम पूर्ण प्रतिबंध की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पटाखों की अनुमति होगी लेकिन समय तय किया गया है क्योंकि इसे 8 बजे से शाम 10 बजे के बीच अनुमति दी जाएगी।
पटाखा बनाने वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दिवाली के दौरान केवल पटाखे प्रदूषण बढ़ाने की एकमात्र वजह नहीं है। यह प्रदूषण बढ़ाना वाला एक कारक है और इस आधार पर पूरे उद्योग को बंद नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों में सांस की तकलीफ के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस पर फैसला करेगी कि क्या पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा या मुनासिब नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिवाली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी अर्जी पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों के आजीविका के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी बैन पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र से प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए उपाय सुझाने और यह बताने को कहा था कि पटाखे पर बैन लगाने से व्यापक रूप से जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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