नरकटियागंज मीडिया दर्शन बैंकिंग गतिविधि में लिंक प्रणाली का रोना बैंकिंग विवशता है
बिहार कुछ और सूत्रों के अनुसार विभिन्न स्रोतों से बैंकिंग गतिविधियों के संबंध में गैर जिम्मेदाराना हरकत सिस्टम को धता बताते हुए आम उपभोक्ता की कुकू कुकू के साथ बैंकों द्वारा खिलवाड़ की जा रही है जिसमें बैंक प्रबंधन के अधीन कार्यरत सभी पदों के कर्मचारी गण समान रूप से जिम्मेदार हैं बैंक का रोना है कि लिंग की समस्या आम है लेकिन लिंक का रोना प्रबंधन की जुमला है बैंक कर्मी बैंक के नाम पर अपने बचाव में लिंक फेल होने का रोना रोने की दिशा में सालों भर अपने कार्य दिवस में लाखों घंटे समय जमा कर बैंक के साथ-साथ बैंक उपभोक्ताओं की भी अहित करने से पीछे नहीं रहते राष्ट्रीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सिर्फ दिशानिर्देश जारी तो करती है लेकिन इस तरह के वाक्य से आम बैंकिंग उपभोक्ता के हित में कठोर निर्देश जारी करने के दिशा में उदासीनता बरती है जिससे बैंक कर्मी एवं प्रबंधन जो फायदे में रहते हैं लेकिन इसके विपरीत आम उपभोक्ता समस्या ग्रस्त हो जाते हैं राष्ट्रीयकृत बैंकों की इस तरह की हरकत संपूर्ण प्रणाली सिस्टम को शक के घेरे में लाकर खड़ा करता है जो बैंकों तथा उसके कर्मियों की जिम्मेदारी तय करें ताकि बैंक उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में नई पहल हो सके बैंक कर्मी अपने ओहदे कि गलत फायदा ना उठा सके इस दिशा में भी कानून लाए जाने तथा लिंग की समस्या पर ठोस उपाय कर किए जाने की आवश्यकता है ताकि आए दिन देश समाज एवं आर्थिक गतिविधियों के दिशा में लिंग की समस्या का रोना बैंक कर्मियों द्वारा बंद हो सके लिंग समस्या का रोना रोकर बैंक कर्मी अपने भ्रष्ट गतिविधियों को कायम रखना चाहते हैं बैंक कर्मी बैंक कानून एवं नियम नियम के संबंध में स्पष्ट रूप से उपभोक्ताओं के अवगत नहीं कराना चाहती है ताकि उनकी मनमानी बनी रहे ऐसी परिस्थिति में वित्त मंत्रालय एवं सभी आर्थिक विभागों को एक साथ मिलकर स्वायत्त संस्था रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशानिर्देश अन्य गतिविधियों की रोकथाम के मैनेजर बैंक उपभोक्ता के आर्थिक हित को कानून बहाली संघ सरल नियमों एवं कानूनों को पुख्ता हित के दिशा में कदम के साथ उठाने जाने की जरूरत है ताकि भविष्य में आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से स्थापित करने में वित्त संस्थाओं की करी निर्देश मील का पत्थर साबित हो सके