मनरेगा में काम किये मजदूरों के साथ अन्याय क्यों
बिहार जिला बेतिया प्रखंड के पूर्वी करगहिया पचायत में मनरेगा के तहत दो हजार बारह काम किये मनरेगा के तहत वनपोषक के तहत काम किये मजदूर ध्रुव साह नगीना धागड वकील महतो मुन्ना महतो प्रेम कुमार अजय कुमार सुरेश महतो जिरा देवी समेत सैकड़ों मनरेगा योजना से वृक्षारोपण में काम किये सात वर्ष वित्त गये परनतु अभी तक इनके वकया मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा सका है आखिर सरकार इन गरीबो का मजदूरी का भुगतान नहीं कर क्या जातना चाहती है यह कैसा न्याय है कि काम करा मजदूरों नहीं दिया जा रहा है वहीं जहां विहार सरकार तथा केन्द्र सरकार अपने आप को गरीबी का हितैषी बता रही हैं तथा एक और गरीबो का बकया का भुगतान नहीं कर पा रही है दूसरी तरफ मजदूरों की इस समस्या को कोई जनप्रतिनिधी भी आवाज नहीं उठा रहा है बता दें कि यह समस्या एक बेतिया प्रखंड के पूर्वी करगहिया पचायत का ही नही अन्य औरो प्रखंडों में भी इसी तरह की समस्या से दुसरे पचायत के गरीब मनरेगा में काम किये मजदूरों की भी समस्या है अगर यही हाल रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव में यह एक बहुत बड़ा सवाल बनकर उभर सकता है जिसका जबाब शायद सरकार देने में असमर्थ साबित न हो जाए अब देखना है कि इन मजदूरो की समस्या को लेकर अवाज कौन उठता है तथा इनका हितैषी बनता है यह तो समय ही बतायेगा