*भूख प्यास से स्कूली बच्चे बेचैन रहे और बंद समर्थक भाषण देते रहे, पैदल जाने पर भी लगाया रोक*
बिहार जिला बेतिया। भूख- प्यास से स्कूली बच्चे बेचैन दिखे तो वहीं बंद समर्थक भाषण देते रहे ।यहां तक की पैदल यात्रियों को भी आने- जाने से रोक दिया गया। उक्त बातें मंगलवार को स्थानीय समहरणालय के समक्ष दिखा ।जब ट्रेड यूनियन और मजदूर संगठनों के राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल पर आशा संघ, आंगनबाड़ी सेविका संघ, मजदूरसंघ, रसोईया संघ सहित अन्य संगठनों ने मिलकर सड़क जाम करते हुए समाहरणालय का गेट तक भी जाम कर दिया था। उसमें उनके पति एवं वाम दलों के नेताओं ने भी समर्थन किया। ज्ञात हो कि स्कूल की छुट्टी होने के बाद छोटे-छोटे बच्चे स्कूल बसों -रिक्शा आदि से अपने-अपने घरों तक जा रहे थे ।किंतु बीच में ही संगठनों द्वारा जाम कर देने से वे घंटों भूख- प्यास से तड़पते दिखे। जबकि इसके नेता अपनी-अपनी मांगों में जमकर भाषण दिए और सरकार पर भड़ास निकाली। इन्हें सिर्फ अपनी मांगों का हीं ध्यान रहा ।बच्चे एवं आम लोगों की परेशानी शायद नहीं दिख रही थी। कई औरतें तो हाथ में डंडा लिए पैदल यात्रियों को भी आने- जाने से रोक रही थी ।जिसमें उनके पुरुष सहयोगी भी साथ दे रहे थे ।कई बार तो आम लोग एवं जाम कर्मियों के बीच तीखी नोक- झोंक भी हुई ।किंतु स्थिति जस की तस बनी रही ।दूसरी तरफ पुलिस एवं दंडाधिकारी सिर्फ इनकी हरकतों को देखते रहे। किया कुछ भी नहीं ।जो जहां थे वहीं रहे । जबकि स्कूली बच्चे बेबस दिखे ।क्या यह मानवाधिकार का हनन नहीं है। ट्रेड यूनियनों द्वारा अपनी 12 सूत्री मांगों के समर्थन में 8 एवं 9 जनवरी 2018 को आम हड़ताल की घोषणा की है ।इस अवसर पर प्रभु राज नारायण राव, ओम प्रकाश क्रांति ,बैरिस्टर शर्मा, राजेंद्र राम, राजीव रंजन झा,राजेंद्र पाठक सहित कई उपस्थित रहे।