ग्राम सेवक की करतूत का नतीजा, किसानों का नहीं हुआ फसल बीमा।- उमेश तिवारी
मध्य प्रदेश जिला सीधी किसानों की सुरक्षा के लिए फसल बीमा योजना शुरू की गई है। इस योजना की मदद से प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, तूफान, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। फसल बीमा योजना किसानों के कल्याण के उद्देश से बनाई गई है इस योजना का लक्ष्य किसानों को आर्थिक मदद के साथ साथ देश में कृषि को बढ़ावा देना है। फसल बीमा योजना की मदद से प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से फसल खराब होने पर किसानों को आर्थिक मदद करने का प्रावधान है। फसल बीमा योजना भले किसानों की भलाई का भ्रम पैदा करती हो, पर बीते सालों का हिसाब किताब देखने से स्पष्ट है कि फसल बीमा योजना से किसानों के जगह बीमा कंपनियां ही करोड़ों में कमाई करी है। फसल बीमा योजना का कबाड़ा करने में कर्मचारियों की करतूतें भी कम नहीं है। ग्राम हनुमानगढ़ में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी राजेश सिंह फसल बीमा योजना को अपने काली कमाई का जरिया समझ बैठे हैं। हनुमानगढ़ के किसानों द्वारा अपने रबी फसल खासकर गेहूं की फसल का बीमा कराने हेतु राजेश सिंह से बार बार संपर्क किया गया, लेकिन घूस प्राप्त करने हेतु राजेश सिंह द्वारा टालमटोल करते हुए ना तो किसानों को बीमा आवेदन फार्म ही दिया गया और ना ही बीमा किए जाने की प्रक्रिया ही की गई। फसल बीमा हेतु तय तारीख जो 15 जनवरी 2019 थी समाप्त हो गई है। राजेश सिंह की मनमानी के चलते हनुमानगढ़ के किसानों का फसल बीमा नहीं हो पाया है। उप संचालक कृषि सीधी को राजेश सिंह की करतूतों पर दंडात्मक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है।