April 24, 2024 8:27 pm

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*हम तो पूँछेंगे कलम की धार से- रोहित

*हम तो पूँछेंगे कलम की धार से- रोहित

【1】 *क्या राज्यपाल का विन्ध्य दौरा एक चुनावी प्रचार था महामहीम सब्द को कितना साबित कर पायीं राज्यपाल*?

【2】 *क्या एक सुरक्षित सीधी की ओर नजर दौड़ा पायेगा जिला प्रशासन*?

【3】 *क्या कलेक्टर के सफल कार्य जनप्रतिनिधियों के लिए उदाहरण हैं अगर हां तो फोटो शेसन कितना उचित*

मध्य प्रदेश जिला सीधी आज सोमवार है और हम अपने विशेष मुहिम हम तो पूछेंगे कलम की धार से खास पेशकश को रविवार के बजाय सोमवार को पूछ रहे हैं और आज से हमारी है पेशकश रविवार के बजाय सोमवार को आप सबके समक्ष पेश होगी
आज हम पहला सवाल पूछ रहे हैं मध्य प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विंध्य दौरे के संबंध में यूं तो राज्यपाल को निम्न तरह की संवैधानिक शक्तियां प्राप्ता हैं राजपाल के वगैर हस्ताक्षर राज्यविधानमण्डल द्वारा पारित कोई बिल कानून का रूप धारण नहीं कर सकता और अन्य शक्तियां ऐसी हैं जो राजपाल को कानून से भी ऊपर वर्णित करता है।
अनुच्छेद 166 से पता चलता है कि राज्य में कार्यपालिका से सम्बंधित सभी कार्य उस राज्य के राज्यपाल के नाम से ही किये जाते हैं। अनुच्छेद 164 के अनुसार राज्यपाल न केवल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है बल्कि उसकी सलाह पर राज्य की मंत्रिपरिषद के अन्य मंत्रियों की भी नियुक्ति करता है।वह सामान्यत: राज्य की विधान सभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है, परन्तु यदि किसी एक दल को बहुमत न मिला हो तो ऐसे गठबंधन दलों के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जिसके द्वारा विधान सभा में बहुमत प्राप्त करने की सम्भावना होती है। वह मुख्यमंत्री की सलाह पर विभिन्न मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा करता है।राज्यपाल, राज्य के महाधिवक्ता और राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को भी नियुक्त करता है।
राष्ट्रपति द्वारा किसी राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श किया जाता है।
अनुच्छेद 163 से पता चलता है कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में अपने कार्यों को पूरा करते समय राज्यपाल को राज्य की मंत्रिपरिषद, जिसका प्रधान मुख्य मंत्री होता है, के द्वारा सहायता और सलाह दी जाती है। इसके अलावा भी अन्य कई शक्तियां राजपाल के पास होती हैं लेकिन जब राज्यपाल किसी दल अथवा नेता का गुणगान वो भी जनता के समक्ष करे तब संवैधानिक शक्तियां और तंत्र खतरे में हो जाता है। महामहीम ने तो जनता के समक्ष ही कह दिया *मोदी साहब को ध्यान रखना* मतलब राज्यपाल नहीं प्रचारपाल

【 2】 *क्या एक सुरक्षित सीधी की ओर नजर दौड़ा पायेगा जिला प्रशासन*

मध्य प्रदेश में सत्ता बदल गई और उस अनुरूप द्रुत गति से कार्य भी चालू है सीधी पुलिस अपने कार्यों को सुचारु रुप से संचालित कर रही है और कुछ दिनों से अपराधीकरण में लगाम लगी है लेकिन अब जब पूरा देश साधन की करण की युग से गुजर रहा है हर दफ्तर कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे मिलते हैं ऐसी स्थिति में सीधी शहर के चौराहों में तीसरी आंख की व्यवस्था ना होना बड़ा अटपटा सा प्रतीत होता है क्योंकि अगर शहर से कोई वाहन चोरी हो जाए या कोई अन्य बहुमूल्य सामग्री चोर चुरा ले जाए या फिर किसी दफ्तर कार्यालय का ताला तोड़ दे तो पुलिस के हाथ पांव फूलने लगते हैं अगर शहर के चौराहे में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था हो जाए तो आरोपी शहर छोड़ने के पहले ही या बाद में जरूर पकड़ा जाएगा इस तरह सुरक्षित सीधी रखने में प्रशासन को मदद मिलेगी अलग ही कुछ दिन पूर्व पुरानी बस स्टैंड सहित कुछ क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे लेकिन वह महज खानापूर्ति साबित हुई उसके नाम पर लंबे चौड़े बिल लगाए गए और गुणवत्ता भी सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह खत्म हो गए और राशि हजम हो गए इस बार प्रशासन को जरूर ध्यान देना चाहिए

【3】 *क्या कलेक्टर के सफल कार्य जनप्रतिनिधियों के लिए उदाहरण हैं अगर हां तो फोटो सेशन कितना उचित*

सीधी स्मार्ट होने जा रही है लेकिन बेचारी सीधी जैसे ही अच्छा अच्छा कपड़ा पहनना शुरू की तो हाथ पाव समेटे बैठे जनप्रतिनिधि उसका क्रेडिट लेना शुरू कर दिए महज 2 महीने बाद पूरे देश में आम चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी में भरपूर तरीके से सत्ता और विपक्ष जुटा हुआ है जो जनप्रतिनिधि 5 साल तक जनता के बीच दिखाई नहीं दिया वह आज एक जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा किए गए कार्यों का निगरानी करने के रूप में फोटो सेशन करा रहे हैं बता दें कि सीधी जिले में जब से नए कलेक्टर का पदार्पण हुआ है तबसे मैं कुछ ना कुछ नवीन कार्य जरूर कर रहे हैं और हर दिन शहर को सुसज्जित बनाने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं लेकिन इसी बीच सीधी में सांसद की नजर कलेक्टर के सफल कार्य में पड़ गई फिर क्या वह इसका क्रेडिट लेने से कैसे चुक सकती थीं अपने कैमरामैन के साथ जगह-जगह फोटो सेशन करवाई और उसको बकायदा अखबार के पन्नों में छपवा ही हालांकि अखबारों में छपा ने की उनकी पुरानी आदत है काम कोई करें क्रेडिट तो उन्हें ही चाहिए लेकिन एक बात स्पष्ट है सरकार बदलते ही एक सख्त प्रशासन और कार्य का लहजा जरूर बदला है जनता हर कार्य का प्लान बड़ी गंभीरता से कर रही है आज बस इतना ही फिर मिलेंगे अगले सोमवार को कुछ और बेबाक सवालों के साथ।

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राशिफल

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