कोरम पूर्ति करने के लिए नीर अपराध लोगों पर सीधी पुलिस कर रही है कार्यवाही
क्या सीधी पुलिस अधीक्षक के इशारे पर हो रहे हैं नीर अपराध लोगों पर फर्जी मुकदमे
माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने फर्जी जिला बदल एवं एनएसए पर 15 दिवस के अंदर रोक लगा दिया
सीधी की पुलिसया व्यवस्था की खुली पोल
मध्यप्रदेश जिला सीधी आज हम बताने जा रहे हैं सीधी जिले की पुलिसिया व्यवस्था की फर्जी कार्यवाही पहले बात कर लेते हैं एक धारा 110के मुकदमे की यह मुकदमा ऐसा है कि जिन लोगों पर धारा 110 की कार्यवाही हो जाती है उन पर धारा 110 नहीं लगना चाहिए लेकिन सीधी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह फर्जी मुकदमा लोगों पर लगाए जा रहे हैं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने धारा 110 पर हुई कार्यवाही ऊपर रोक लगा दी है ऐसे में सीधी पुलिस अधीक्षक पर सवालिया निशान उठने लगा है क्या सीधी पुलिस अधीक्षक कोरम पूर्ति के नाम पर थाना प्रभारियों से जबरदस्ती दबाव बनवा कर मुकदमा कायम करवा रहे हैं बात यहीं समाप्त नहीं होती कुछ उप निरीक्षक सीधी पुलिस अधीक्षक के बहुत ही चाहते हैं यह जानकारी विश्व सूत्रों से मिली है कि कुछ उप निरीक्षकों द्वारा कोरम पूर्ति के नाम पर गैर लाइसेंसी रिवाल्वर रखवा कर नीर अपराध लोगों पर अपराध कायम करवाया जाता है अब बात कर लेते हैं लोकसभा निर्वाचन आते ही पुलिस अधीक्षक सीधी के कई चहेते उपनिरीक्षक थाना प्रभारी बने हुए थे लेकिन निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश पर उप निरीक्षकों को थाना प्रभारी के पोस्ट से हटाया गया है और निरीक्षकों को थाना प्रभारी बनाया गया ऐसे में सीधी पुलिस अधीक्षक पर सवाल उठना गलत नहीं कहा जा सकता जिन लोगों को कानून की कोई जानकारी नहीं है उन्हें थाना प्रभारी बनाया जाता है जिन लोगों को कानून का पूरी जानकारी नहीं है उन अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा लाइन पर रखा जाता है ऐसे में पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए एवं अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही करना चाहिए आपको बताते चलें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने जिला बदल एवं एनएसए पर हुई कार्यवाही पर 15 दिवस के अंदर रोक लगा दिया है