कार्यकर्ता तथा जनता को मुर्ख बनाते हैं नेताजी
बिहार जिला बेतिया चुनाव सर पर है नेताजी अब अपने स्वार्थ के लिए कार्यकर्ताओ को हथेली पर लेकर धुम रहे हैं तथा सुबह शाम उनके हाल समाचार पुछ रहे हैं बेचारे कार्यकर्ता भी बहुत खूश है तथा नेताजी को जिताने के लिए दिन रात एक किये हैं तो दूसरी तरफ जनता के बीच बिच बिना बुलाये शादी समारोह में भाग ले रहे हैं तथा नेवता भी कर रहे हैं तथा विकास करने के लम्बी लम्बी वादे के लक्षरे बाध रहे हैं तथा जनता के बीच पहुच हमदर्दी दिखा रहे हैं मानो कि इनसे बड़ा हमदर्द कोई है ही नहीं वहीं नेताजी के रहमो करमो पर जिने वाले उन्हे अपने इलाके में यह कहकर धुमा रहे हैं कि इनके इशारे पर सारे वोट नेताजी के पक्ष में जायेगे तथा अपना उल्लू साध रहे हैं जबकि इन रगे सियारों की पैठ जनता में तो है नहीं मामूली पचायत का चुनाव खुद जित नहीं पाते और चलते हैं नेताजी को जिताने पर नेताजी भी कम चालक नहीं है चुनाव जितते ही साथ में रहने वाले पिछे नजर आते हैं एव कभी नहीं दिखाई देने वाले नेताजी के बगल में वही हाल जनता के साथ साल में कभी क्षेत्र दिख गये तो काफी शादी समारोह में जनता के भेजे निमंत्रण में भाग लेना तो दुर फोन से संदेश भेजने में भी असमर्थ पर अब जनता भी जग चुकी है उसे क्या करना वह बहुखूबी जानती है