April 25, 2024 2:38 pm

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हम तो पूँछेंगे कलम की धार से- रोहित*

*हम तो पूँछेंगे कलम की धार से- रोहित*

【1】 *क्या सीधी सांसद की रेल सम्बन्धी प्रशासनिक बैठक महज एक औपचारिकता है।*?

【2】 *क्या सीधी विधायक की आपदा प्रबंधन बैठक मात्र राजनीतिक दिखावा*?

【3】 *क्या पूर्व मंत्री के आंदोलन की तैयारी मात्र से ही सिहावल में बिजली आपूर्ति पूर्ण हुई*?

मध्य प्रदेश जिला सीधी आज शनिवार दिनांक 1 अगस्त है और हम अपनी खाश पेशकश *हम तो पूँछेंगे कलम की धार* लेकर आप सबके समक्ष पुनः उपस्थित हैं आप सभी को रक्षाबन्धन की सुभकामनाओं के साथ पहला सवाल पूंछ रहे हैं बीते दिनों सीधी सांसद द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर ललितपुर सिंगरौली रेल मार्ग की समीक्षा बैठक के संबंध में जी हां यह पहला सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि ललितपुर सिंगरौली रेलवे मात्र एक कहानी बनकर रह गया है इसके लिए मात्र दिखावटी और बनावटी कृत्य किए जाते हैं और चुनावी तैयारियों में इसे भुनाया जाता है आज भी कई जगह अधिग्रहण आधा अधूरा है कोई विधिक कार्यवाही नहीं हो सकी और पूरा मामला ही अधर में लटका हुआ है अधिग्रहण के बाद भी मुआवजा वितरण सहित नौकरी का मामला डीआरएम जबलपुर में लटक गया तब बैठक तो रेलवे अधिकारियों के साथ करना चाहिए जिनके माध्यम से इन जटिल कार्यो को किया जाना है मुआवजा बितरण में जमकर फर्जीवाड़ा और जमीन खरीद फरोख्त के लिए एक उदाहरण बन गयी ललितपुर सिंगरौली परियोजना जहां अमीरों ने गरीबों की भूमि को कौड़ियों के भाव अपने नाम कराकर मुआवजा इकट्ठा कर बच्चों का भविष्य बनाया और साथ ही गरीबों को गरीबी में धकेला इसमे पारदर्शिता के सम्बंध में कोई मीटिंग नहीं हुई अब बेमतलब की बैठक करके अखबारी प्रयास करना कितना उचित है यह भगवान ही जाने बीते दिनों सीधी से चलकर सिंगरौली जाने वाले मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के लिए भी 1 पन्ने कागज लिए केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की गई थी आलम यह है की तालाब रूपी राजमार्ग में भैंस विचरण करती दिख जाती हैं इस तरह सीधी सिंगरौली की सांसद महज अखबारी प्रदर्शन तक सीमित हैं और औपचारिकताओं में सिमटकर रह जाता है इनका प्रयास

【2】 *क्या सीधी विधायक की आपदा प्रबंधन बैठक मात्र राजनीतिक दिखावा*?

ऊपर के पहले प्रश्न में मैंने सांसद की बैठक के संबंध में सवाल किया तो दूसरे प्रश्न में सीधी विधायक की आपदा प्रबंधन के औपचारिकता और दिखावा वाली मीटिंग तो अपच ही हो गई सांसद के बाद विधायक भी मीटिंग लेते देखे गए मीटिंग का विषय था आपदा प्रबंधन फिर क्या सीधी की जनता ने विधायक को मीटिंग लेते देखा वह भी ऐसा विषय पर जिस के संबंध में सीधी विधायक कभी भी जनता के समक्ष पूरे लॉकडाउन में उपस्थित नहीं हुए अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी तैयार कर रहे हैं सीधी विधायक एक-दो दिन दूसरे के सहयोग से दस पचीस लोगों को भोजन जरूर कराए होंगे इतनी बड़ी महामारी के बीच वह अदृश्य शक्ति बने भोपाल में कैबिनेट की तलाश करते रहे सीनियर विधायक को भोपाल वाले नेतृत्व नकारा तो मुह दबाये सीधी की ओर कूच किये और फिर मीटिंग चालू हुई नियोजित स्वागतम भी हुआ सवाल मन मे बना रहा कि आखिर स्वागत किस बात का पर हो सकता है कैबिनेट के लिए कोई तारीख तंय हुई हो खैर जो भी हो आपदा प्रबन्धन की मीटिंग में बोले क्या यह भी सुन लीजिए

कहा कि सीधी जिले में पारम्परिक संस्कृति ग्रामीण इलाकों में अभी भी विद्यमान है, अभी भी महिलायें सामान्यतः सिर ढंक कर रखती है एवं ग्रामीण जन मास्क के रूप में गमछे का प्रयोग कर रहे हैं, बाजार एवं अन्य स्थानों से वापस जाने पर लोग घरों में बाहर जूते चप्पल उतार कर हाथ पैर स्वच्छ करके ही अन्दर प्रवेश करके हैं। इसी का परिणाम है कि सीधी जिले में अभी भयावह स्थिति नही हुई है लेकिन सावधानी आवश्यक है।
उन्होंने कहा हमें इस स्वच्छता की अच्छी आदतों से प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक करना है और इसे प्रोत्साहित करना है। कोविड-19 के इस कठिन समय में लोगों को सभी सुरक्षात्मक उपायों के विषय में सतत रूप से जागरुक किया जाना आवश्यक है। सभी को दो गज की दूरीबनाये रखना जरूरी है, घर से निकलने पर मास्क लगाये रखना चाहिए एवं बार-बार साबून से हाथ धुलाई करते रहना चाहिऐ।
रक्षाबन्धन का त्योहार में खरीददारी के लिये माताएँ- बहने बाजार आती हैं, बाज़ार में भीड़ नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय इस भागवत बांचे और अखबार में छपकर निकल गए पूरे आपदा की मीटिंग का सार यह रहा कि महिलाएं सिर ढंक कर रहती हैं , बाजार एवं अन्य स्थानों से वापस जाने पर लोग घरों में बाहर जूते चप्पल उतार कर अंदर प्रवेश करते हैं इसलिए सीधी में कोरोना नहीं फैला एलाउंस कराइये और भी तरह तरह के हास्यास्पद बातें प्रशासन हाँथ में चावल लेकर कथा सुना और प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ लेकिन कोई बात अमल न हुई खैर यह तो मीटिंग का दौर था अब अगले सवाल पर

【3】 *क्या पूर्व मंत्री के आंदोलन की तैयारी मात्र से ही सिहावल में बिजली आपूर्ति पूर्ण हुई*?

इन दिनों ग्रामीण अंचल में बिजली विभाग वाले ग्रामीण जनों की जमकर खोज खबर ले रहे हैं बिजली ऐसे आती है जैसे गंगा नहा कर तीर्थ वासी नाममात्र की बिजली जलती रहे या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता अब पुराने दिनों की याद भी जनमानस को सताने लगी है जब चिमनी और कैंडल के माध्यम से लोगों का काम होता था तकलीफ से पूरे प्रदेश की जनता तंग है लेकिन पूर्व में मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री रहे सिहावल विधायक ने अपने विधानसभा के लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया और एक तिथि निर्धारित किया प्रशासन पहुंचा और सुबह से ही घर में आंदोलन न करने का माहौल बनाने लगा प्रशासन ने कहा भी कि 1 हफ्ते के अंदर सारी समस्या हल कर देंगे और बिजली जगमग आएगी ऐसा सुनकर आंदोलनकारी मान गए और कुछ हद तक बिजली की समस्या से निजात सिहावल विधानसभा में मिली है अब सवाल ये है कि अगर सिहावल विधायक ने बिजली की समस्या से निजात के लिए प्रयास किया तो अन्य विधानसभा वाले विधायक क्या बिजली विभाग को यह नहीं कह सकते कि बिजली की आंख मिचौली बंद करो बारिश ना होने की वजह से धान रोपाई तक किसानों के नहीं हो पाई है किसी तरह सिंचाई करके धान रोपाई भी करेंगे तो आपके इस तरह रवैया से कैसे होगा हालांकि अगर अन्य विधानसभा वाले ऐसा करेंगे तो सत्ता पर हमला होगा और ऐसा वह कर नहीं सकते कुछ दिन पहले जब किसी अन्य दल की सरकार थी तब यह लोग कैंडल सर में रखें सड़कों में देखे गए थे आज बस इतना ही फिर मिलेंगे कुछ नवीन सवालों के साथ था अगले शनिवार को

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